newsmantra.in l Latest news on Politics, World, Bollywood, Sports, Delhi, Jammu & Kashmir, Trending news | News Mantra
Mantra View

मध्य प्रदेश पाइप प्रणाली से अधिकतम सिंचाई करने वाला देश का पहला राज्य रुकावटें न होतीं तो तीन साल में ही मिल जाता 65 लाख हेक्टेयर सिंचाई का लक्ष्य सिंचाई क्षमता 7 से बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर पर पहुंची, कृषि उत्पादन में उछाल

-POLITICAL CORRESPONDENT

मध्य प्रदेश पाइप प्रणाली के माध्यम से अधिकतम क्षेत्र में सिंचाई करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. सिंचाई सुविधाओं का विकास करने के लिए मध्य प्रदेश को कई अवार्ड भी मिल रहे हैं. ये अवार्ड सिंचाई, पेयजल और उद्योगों के लिए जल संसाधनों के अधिकतम उपयोग और विकास के लिए मिल रहे हैं. लेकिन प्रदेश अब भी 65 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य से काफी पीछे है तो उसका कारण यह है कि प्रशासनिक बाधाओं ने परियोजनाओं की गति धीमी कर दी. अगर भूमि अधिग्रहण और वन पर्यावरण की रुकावटें न होतीं तो यह लक्ष्य तीन साल में ही हासिल कर लिया गया होता. अभी प्रदेश 45 लाख हेक्टेयर तक पहुंच पाया है.

पाइप प्रणाली का बड़ा योगदानःसीएम शिवराज सिंह चौहान भी मानते हैं कि प्रदेश ने तीन वर्षों में पाइप प्रणाली के जरिए सिंचाई करके काफी पानी बचाया है. नहर के जरिए पानी ले जाने में काफी नुकसान होता है, इसलिए मध्य प्रदेश ने तय किया कि पाइप के जरिए पानी ले जाएंगे और किसानों के खेतों तक आउटलेट दे देंगे. प्रदेश में सिंचाई की क्षमता भी 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है. सरकार ने इसे 65 लाख हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है.

मुख्यमंत्री के इस बयान के बावजूद यह ध्यान रखना चाहिए कि प्रदेश में कई सिंचाई परियोजनाएं राजस्व, वन और पर्यावरण विभाग के फैसलों में देरी के कारण अब भी बीच में लटके हुए हैं.

प्रदेश में चल रहीं प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं इतनी बड़ी मात्रा में जल उपलब्ध करा सकती हैं कि शुद्ध पेयजल  के संकट और सूखे से मुक्ति मिल सकती है. एक तरफ जहां भूजल स्तर बढ़ जाएगा, वहीं बेहतर सिंचाई के कारण कृषि उत्पादन कई गुना हो जाएगा. लेकिन प्रदेश में पाइप प्रणाली और नहर पर आधारित परियोजनाएं अब भी लटकी हुई हैं. भूमि अधिग्रहण के कई विवाद अब भी उलझे हैं और वन पर्यावरण की मंजूरियां नहीं मिलने से भी देरी हो रही हैं.

पेश हैं कुछ परियोजनाओं का ब्योरा –

नर्मदा-गंभीर लिंक परियोजना

प्रेशराइज्ड पाइप के जरिए नर्मदा का जल गंभीर नदी में पहुंचाया गया. इससे 50 हजार हेक्टेयर खेतों की सिंचाई का लक्ष्य. बिजली का उपयोग किए बिना किसान सीधे स्प्रिंकलर सिस्टम लगा सकते हैं. इसमें 68 किमी लंबी ग्रेविटी प्रेशराइज्ड पाइपलाइन और 147 किमी लंबी वितरण की मेनलाइन है और 700  किमी लंबी एचडीपीई पाइपलाइन के जरिए जल प्रदाय हो रहा है.
कंस्ट्रक्शनः नवयुगा कंस्ट्रक्शन

पंचम नगर सिंचाई परियोजना

देश की पहली सिंचाई परियोजना है, जो बगैर बिजली खर्च के संचालित होगी.
सिंचित भूमि 25 हजार हेक्टेयर
पेयजल 300 गांव
तकनीक उच्च दबाव वाले पाइप्स (जीआर पाइप्स) और गुरुत्वाकर्षण के जरिए पानी ऊंचाई से निचले इलाकों तक ले जाया जाएगा.
कंस्ट्रक्शनः मंतेना इंफ्रा
कमांड क्षेत्र तक पानी बिना बिजली के पहुंचाने से परियोजना में 20 करोड़ रुपए की बचत
जिला        तहसील           गांव           सिंचाई एरिया
सागर       बंडा                 29             6420 हे.
दमोह       पथरिया            35             10300 हे.
दमोह       बटियागढ़          57             15,280 हे.

रीवा-सतना बाहुती

पूरी नहर की लंबाई 17.85 किमी
टनल की लंबाई 3.7980 किमी
कहां से कहां    बाणसागर के गुलवार गुजारा से छुहिया घाटी तक
सिंचाई एरिया 65481 हेक्टेयर
कंस्ट्रक्शन मंतेना इंफ्रा

छिंदवाड़ा इरीगेशन कॉम्प्लेक्स

परियोजना कन्हान नदी व पलासपानी पर बांध/बैराज और टनल निर्माण
विशेषताः प्रेशराइज्ड पाइप के जरिए कमांड एरिया तक पानी
सिंचित कमांड एरिया 190500 हेक्टेयर
कंस्ट्रक्शन एचईएस और मैक्स इंफ्रा

बदनावर नर्मदा माइक्रो इरीगेशन  (धार जिला)

नर्मदा नदी से बरसात के मौसम में पंपों के जरिए जल उठाया (लिफ्ट) जाएगा. यह जल 60 किमी दूर 500 मीटर की ऊंचाई पर बने एक जलाशय में संचय किया जाएगा. जलाशय में एकत्र किया गया यह पानी उन आठ महीनों के दौरान काम आएगा, जब बारिश नहीं होती और कृषि को पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है. यह पानी गुरुत्वाकर्षण के जरिए बिना बिजली के ही खेतों तक पहुंचाया जाएगा.
पहले चरण में 101 गांवों की 50 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी
दूसरे चरण में बदनावर के गांवों को सिंचाई परियोजना से जोड़ा जाएगा
कंस्ट्रक्शनः एचईएस और रिवर बोल्ट

मां रतनगढ़ बहु-उद्देशीय परियोजना

प्रदेश के 3 जिले ग्वालियर, भिंड एवं दतिया में वर्षों पुरानी सिंचाई की समस्या का समाधान होगा. यह परियोजना दतिया जिले की सेवढ़ा तहसील में सिंध नदी पर बनाई जा रही है.
लागतः 2244.97 करोड़ का बजट
लाभः  59 हजार किसान लाभांवित होंगे और 09 मेगावॉट विद्युत का भी उत्पादन
वन प्रकरण स्वीकृति के अभाव में बांध निर्माण का कार्य रूका हुआ था. अब वन विभाग ने स्वीकृति प्रदान कर दी है.
सेंवढ़ा में 6500 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी
भिंड जिले को में 49,200 हेक्टेयर
ग्वालियर जिले की 22,784 हेक्टेयर सिंचित
मंतेना और वशिष्ठा

हनोता सिंचाई परियोजना

परियोजनाः बीना नदी पर 40 हज़ार  हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी
29 ग्राम सागर जिले के एवं 30 ग्राम विदिशा जिले के प्रभावित होंगे.
सागर जिले में 18 ग्राम मऊ में निजी भूमि एवं 11 ग्रामों में शासकीय भूमि चिन्हित की गई है.
कंस्ट्रक्शनः टाटा प्रोजेक्ट्स और फलौदी

कुंडलिया सिंचाई परियोजना

परियोजनाः कालीसिंध नदी पर कुंडलिया जलाशय से राजगढ जिले में 64,000 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई राजगढ़ जिले के सारंगपुर, खिलचीपुर एवं जीरापुर तथा आगर-मालवा जिले के नलखेड़ा एवं सुसनेर विकास खण्ड में कुल 1,30,639 हेक्टेयर रबी क्षेत्र में नवीन तकनीकी यथा ड्रिप, स्प्रिंकलर आदि से 419 ग्रामों में सिंचाई
निर्माताः लार्सन एंड टुब्रो

 

Related posts

Weave a new story with your mothers heirloom sarees

Newsmantra

Endless Waiting for Justice

Newsmantra

Building collapsed in Mahad, rescue work on

Newsmantra

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More