चंद्रपुर स्टेट फॉरेस्ट अकैडमी के साथ हुआ समझौता
नागपुर, 10 दिसंबर: वन प्रशासन को अधिक सक्षम बनाने और सरकारी सेवाओं का लाभ आम जनता तक अधिक प्रभावी तरीके से पहुंचाने हेतु भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) नागपुर और चंद्रपुर वन प्रशासन, विकास एवं प्रबंधन अकैडमी (सीएफए) के बीच बुधवार को एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) किया गया। इस समझौते के तहत आईआईएम नागपुर वन क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को आधुनिक प्रबंधन, नेतृत्व कौशल, संवाद कौशल, सार्वजनिक नीति विश्लेषण और सतत विकास से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इसका सीधा लाभ नागरिकों और जंगलों पर निर्भर रहने वाले समुदायों को मिलेगा।
सीएफए की ओर से महाराष्ट्र वन्यजीव विभाग के प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एम.एस. रेड्डी ने तथा आईआईएम नागपुर की ओर से निदेशक प्रो. भीमराया मेत्री ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर सीएफए के प्राचार्य एवं अतिरिक्त निदेशक उमेश वर्मा तथा आईआईएम नागपुर के प्रो. अनूप कुमार और कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रमों के अधिष्ठाता प्रो. आलोक कुमार सिंह उपस्थित थे।
समझौते के महत्व पर बोलते हुए प्रो. मेत्री ने कहा कि इस सहयोग से तैयार होने वाले शैक्षणिक कार्यक्रम राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में योगदान देंगे। उन्होंने कहा, “यदि वन अधिकारियों की नेतृत्व क्षमता और प्रबंधन कौशल मजबूत होगा, तो वन संसाधनों का बेहतर नियोजन संभव होगा। इससे ग्रामीण नागरिकों का सशक्तिकरण होगा, पर्यावरण संबंधी समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी और निरंतर विकास के लक्ष्य साधना भी सरल होगा। इस साझेदारी से सुशासन का सीधा लाभ आम लोगों तक पहुंचेगा।”
एम.एस. रेड्डी ने समझौते का महत्त्व बताते हुए कहा कि इसका सीधा संबंध आम जनजीवन से है। उन्होंने कहा, “आज वानिकी केवल संरक्षण तक सीमित नहीं है। आईआईएम नागपुर के प्रबंधन विशेषज्ञों से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले हमारे अधिकारी अधिक वैज्ञानिक, पारदर्शी और जनकेंद्रित तरीके से काम कर सकेंगे। इसका प्रत्यक्ष लाभ नागरिकों और वन पर निर्भर समुदायों को मिलेगा।”
सहयोग के शैक्षणिक स्वरूप की जानकारी देते हुए प्रा अनूप कुमार ने बताया कि दोनों संस्थान मिलकर प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, नेतृत्व विकास, टीम बिल्डिंग, सततता और वन आधारित उद्यमिता को शामिल करते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं। ये कार्यक्रम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों पद्धतियों के मिश्रण से बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य अधिकारियों की निर्णय क्षमता बढ़ाना और वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के साथ उनके समन्वय को मजबूत करना है। इन कार्यक्रमों में वन अधिकारी, कर्मचारी और इस क्षेत्र में काम करने वाले अन्य लोग भी भाग ले सकेंगे। प्रशिक्षण का एक भाग नागपुर में आईआईएम में और दूसरा भाग चंद्रपुर में अकैडमी में होगा। इसके अलावा, ऑनलाइन माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी मार्गदर्शन देंगे।”
समझौते के तहत प्रशिक्षण, अनुसंधान, परामर्श परियोजनाएं, सार्वजनिक नीति, सतत वानिकी, पर्यावरणीय सेवाओं की योजना तथा अन्य संबंधित गतिविधियों पर दोनों संस्थान मिलकर काम करेंगे। साथ ही विद्यार्थियों, प्रशिक्षुओं और विशेषज्ञों का आदान-प्रदान भी किया जाएगा।
महाराष्ट्र वन विभाग के अंतर्गत कार्यरत सीएफए एक स्वायत्त संस्था है, जो वानिकी, पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देती है। आईआईएम नागपुर के साथ हुए इस सहयोग से वन प्रशासन मजबूत होगा, ग्रामीण समुदायों की आजीविका के नए अवसर विकसित होंगे, सरकारी कार्यप्रणाली की दक्षता बढ़ेगी और सतत विकास के प्रयास अधिक प्रभावी रूप से जनता तक पहुंचेंगे, ऐसी आशा व्यक्त की जा रही है।
