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मुख्यमंत्री ने 29 साहित्यकारों को किया सम्मानित, पुरस्कार की राशि बढ़ाने की भी घोषणा पटना

मुख्यमंत्री ने 29 साहित्यकारों को किया सम्मानित, पुरस्कार की राशि बढ़ाने की भी घोषणा पटना।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) विभाग द्वारा 1 अणे मार्ग स्थित लोक संवाद में आयोजित हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 के अंतर्गत कुल 29 साहित्यकारों को अंगवस्त्र, मेडल, प्रशस्ति पत्र एवं चेक प्रदान कर सम्मानित किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने पुरस्कार वितरण समारोह का उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020-21 के अंतर्गत हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार योजना के अधीन डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान, डॉ. अशोक कुमार को बाबासाहेब भीमराव अम्बेदकर पुरस्कार, मृणाल पांडेय को जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार, डॉ. सुशीला टाकभौरे को बीपी मंडल पुरस्कार, कवि सत्यनारायण को नागार्जुन पुरस्कार, रामश्रेष्ठ दीवाना को राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार, जाबिर हुसैन को फणीश्वरनाथ रेणु पुरस्कार, डॉ. पूनम सिंह को महादेवी वर्मा पुरस्कार, डॉ. के. वनजा को बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा (हैदराबाद, तेलंगाना) को विधाकर कवि पुरस्कार, गीता श्री को विद्यापति पुरस्कार, डॉ. राकेश कुमार सिन्हा ‘रवि’ को मोहनलाल महतो ‘वियोगी’ पुरस्कार, भगवती प्रसाद द्विवेदी को भिखारी ठाकुर पुरस्कार, डॉ. छाया सिन्हा को डॉ. ग्रियर्सन पुरस्कार एवं अनंत विजय को डॉ. फादर कामिल बुल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। वहीं इस पुरस्कार वितरण समारोह में वर्ष 2021-22 के अंतर्गत हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार योजना के अधीन मुख्यमंत्री ने मधुसुदन आनंद को डॉ, राजेन्द्र प्रसाद शिखर सम्मान, बलराम को बाबासाहेब भीमराव अम्बेदकर पुरस्कार, डॉ. चंद्र त्रिखा को जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार, डॉ. इरशाद कामिल को बीपी मंडल पुरस्कार, भोला पंडित ‘प्रणयी’ को नागार्जुन पुरस्कार, अनिरुद्ध सिन्हा को राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार, डॉ. शहनाज फातमी को फणीश्वरनाथ रेणु पुरस्कार, डॉ. भावना को महादेवी वर्मा पुरस्कार, डॉ. गुरमीत सिंह को बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार, असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति को विधाकर कवि पुरस्कार, कविता प्रयागराज को विद्यापति पुरस्कार, महेंद्र नारायण पंकज को मोहनलाल महतो ‘वियोगी’ पुरस्कार, डॉ. आशीष कंधवे को डॉ. ग्रियर्सन पुरस्कार एवं विभा रानी को डॉ. फादर कामिल बुल्के पुरस्कार से सम्मानित किया।

पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में उपस्थित आप सभी लोगों का मैं स्वागत और अभिनन्दन करता हूं। आप सभी से आग्रह है कि इस कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष 14 सितंबर को घोषित हिंदी दिवस के दिन करें और उस दिन हिंदी भाषा को विकसित करनेवाले साहित्यकारों को सम्मानित करें। कविवर सत्यनारायण जी द्वारा रचित बिहार गीत पूरे बिहार में सभी महत्वपूर्ण बैठकों एवं विभिन्न अवसरों पर बजाया जा रहा है और उन्हें नागार्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हम तो कहेंगे कि उनको पुरस्कार स्वरूप दी जानेवाली दो लाख रुपये की राशि की जगह तीन लाख रुपये प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सबकी मांग को ध्यान में रखते हुए हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न पुरस्कारों के तहत प्रदान की जानेवाली धनराशि में बढ़ोत्तरी करें। हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न पुरस्कारों के तहत दी जानेवाली न्यूनतम धनराशि 50 हजार रुपये को बढ़ाकर लाख रुपये से ज्यादा करें। पुरस्कार की राशि को अगली बार बढ़ाकर ही सरकार के पास भेजें।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 29 साहित्यकारों को किया सम्मानितमुख्यमंत्री ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी के आने से लोग पुरानी बातों को भूलने लगे हैं, यह ठीक नही है। वर्ष 2019 के बाद मोबाइल फोन का इस्तेमाल करनेवाले लोगों की तादाद तेजी से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि नई-नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पृथ्वी को काफी नुकसान पहुंच रहा है। अगर यही स्थिति रही तो एक दिन ऐसा आएगा कि सब कुछ खत्म हो जाएगा। आजकल मोबाइल फोन का इस्तेमाल बच्चा से लेकर हर उम्र के लोग जरूरत से ज्यादा कर रहे हैं, यह उचित नही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदी काफी अच्छी भाषा है। इस देश की अधिकांश आबादी आपसी बोलचाल में इसी भाषा का इस्तेमाल करती है। आप सभी से आग्रह है कि इस भाषा को और विकसित एवं विस्तारित करने पर विशेष बल दें। आज-कल यह देखने को मिल रहा है कि हिंदी के शब्दों को भी लोग अंग्रेजी में लिखने लगे हैं, इससे बचने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भी अच्छी भाषा है और सबको जाननी भी चाहिए, लेकिन हिंदी के शब्दों को हिंदी में ही लिखनी चाहिए। आप सभी लोगों को यही सलाह दें। हिंदी के शब्दों को अंग्रेजी में लिखने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम जब सांसद और केन्द्रीय मंत्री थे तो कोई भी कानून बनता था तो वह हिंदी के अलावा अंग्रेजी भाषा में भी लिखा रहता था । हम तो कहेंगे कि हिंदी में ही आपलोग सब कुछ नोट कराएं। बिहार में सात निश्चय योजना के तहत सभी बच्चे-बच्चियों को प्रशिक्षित कराया जा रहा है ताकि उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिल सके। बच्चे-बच्चियों को प्रदान किये जा रहे प्रशिक्षण में हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा भी सिखाया जा रहा है ताकि वह अपनी बातें कह सकें और दूसरे की बातों को भी अंग्रेजी में भी समझ सकेंं। हम पुनः आपलोगों से आग्रह करेंगे कि हिंदी भाषा को विकसित करने पर विशेष ध्यान दें और हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में पुरस्कृत होनेवाले लोगों की संख्या बढ़ाकर उन्हें पुरस्कृत करें। इस काम में राज्य सरकार हरसंभव सहयोग करेगी।

इस अवसर पर वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो. जमा खान, विधान पार्षद डॉ. रामवचन राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह, मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर मुख्य सचिव डॉ, एस. सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, हिंदी प्रगति समिति के अध्यक्ष कवि सत्यनारायण, हिंदी प्रगति समिति के उपाध्यक्ष डॉ. सविता सिंह नेपाली, पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश कुमार चौधरी, राजभाषा के निदेशक सुमन कुमार, उर्दू निदेशालय के निदेशक अहमद महमूद सहित सम्मानित हिंदी सेवी साहित्यकार एवं उनके परिजन उपस्थित थे।

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