नई दिल्ली: दाभोल पावर प्रोजेक्ट और रत्नागिरी गैस एंड पावर से जुड़े 96 पूर्व सैनिकों ने शनिवार को लोधी रोड स्थित मुख्यालय के बाहर अपनी लंबित मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
पिछले कई वर्षों से वेतन और पेंशन के बकाये के भुगतान की मांग कर रहे इन पूर्व सैनिकों का कहना है कि लंबे समय से जारी टालमटोल ने उन्हें अब सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है।
यह विरोध प्रदर्शन प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में हुई ब्रीफिंग के अगले दिन आयोजित किया गया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दशकों की देरी के कारण अब वे और उनके परिवार गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। उनके अनुसार, यह केवल पैसों का नहीं बल्कि 96 परिवारों के सम्मान और भविष्य का सवाल है।अब आगे क्या?
सैनिकों का प्रतिनिधित्व कर रहे वी. एस. सालुंखे और अन्य साथियों ने स्पष्ट किया कि वे इस आश्वासन पर करीबी नजर रखेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई ठोस और समयबद्ध समाधान नहीं निकला, तो वे अनिश्चितकालीन धरने सहित अपने आंदोलन को और भी व्यापक रूप देंगे।
पूर्व सैनिकों ने दोहराया कि उनका संघर्ष लोकतांत्रिक और संवैधानिक है, लेकिन कई साल का लंबा इंतजार अब उनके सब्र की परीक्षा ले रहा है।
