दमोह के लोगों का दिल से धन्यवाद
बीते दिनों की तुलना में आज का दिन संघर्ष वाला दिन था। सुबह से महानगरों से वापस लौट रहे मजदूरो को भोजन मुहैया कराना मुश्किल काम था लेकिन दमोह के लोगों ने इस मुश्किल को आसान बना दिया।
सुबह से जिला पुलिस प्रशासन के साथ विभिन्न संस्थाओं ने स्वप्रेरणा से मदद के हाँथ बढ़ाये और दिन भर इन मजदूरो को भोजन मुहैया कराया। हजारों की संख्या में लोगों को भोजन कराने ई। दानवीरों को सलाम।
मित्रो
शाम के बाद का समय जरा कठिन था क्योंकि दिन भर लोगों को खाना मुहैया कराने वाले लोग थक चुके थे और ऐसे में इंतज़ाम मुश्किल थे लेकिन मान गए दमोह के लोगों को एक आवाज पर सो दो सौ नही बल्कि करीब पांच हजार लोगों के खाने का इंतज़ाम हो गया। वो किसने किया वो जान लीजिए
सबसे पहके दालमिल एसोसेसियन ने हाँथ आगे बढ़ाया हमने जिनसे कांटेक्ट किया वो अष्विन जैन अभय बनगावँ और नरेंद्र बजाज जी थे जिन्होंने पांच सौ लोगों का इंतजाम सिर्फ घंटे में कर दिया। दूसरा काल पी डी शेलार स्मृति न्यास के संचालक कैलाश शेलार जी के यहां।किया तो उनके दोनों बेटों कार्तिक और ओम ने ये नही कहा की दिन भर से बाँट रहे हैं बल्कि खुद कहा एक घण्टे जितना हो सकेगा इंतज़ाम होगा और वही हुआ पांच सौ पैकेट तैयार। इस बीच बहुत ही संकोच में श्री गुरुसिंह सभा के सदस्यों को काल किया क्योंकि इस बात का एहसास था कि पूरे दिन से ये लोग सेवा कर रहे हैं लेकिन श्री टीटू गांधी इंद्रजीत सिंह को फोन किया तो एक पल में उन्होंने कहा कि गुरुद्वारे में लगे लेवर तो नही है लेकिन इंतज़ाम होगा। सिख संगत के घर घर से भोजन तैयार हुआ और पाँच सौ पैकेट बनकर पहुंच गए इनका काम यही खत्म नही हुआ बल्कि एक बार फिर काल आया कि इतने ही लोगों के लिए खिचड़ी भी तैयार हो रही है।
ये सारा खाना बांटा जा रहा था कि इस बीच हसनी हुसैनी सोसायटी पठानी मुहल्ला और गढ़ी मुहल्ले के युवा मित्रों को इस बात की जानकारी मिली तो युवा मित्रों ने खुद सम्पर्क किया और खुशी इस बात की है कि महज आधे घण्टे के भीतर दो सौ से ज्यादा लोगों के लिए भोजन के पैकेट लेकर मित्र आ गए। हमने तय किया कि ये मित्र मुक्तिधाम चौराहे पर कमान संभालेंगे लिहाजा भाई शहजाद खान सैफ जीशान और कई साथी वहां पहुंचे और मोर्चा संभाला। इस दौर में भाई मनीष तिवारी जयपाल यादव की आमचौपरा की टीम भी सक्रिय हुई और थकान के बीच तीन सौ पैकेट का इंतज़ाम उन्होंने कर के मुश्किल को कम कर दिया।
इतने के बाद भी मजदूरो की संख्या देखते हुए खाना कम था और ऐसे में हृदय स्थल घंटाघर स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर में पुजारी जी श्री गोविंद प्रसाद दुबे उनके बेटो के साथ कैलाश भण्डार परिवार के सदस्यों ने मोर्चा संभाला ऑड रात तीन बजे तक लगातार करीब तीन हजार लोगों के लिए मंदिर में खिचड़ी बनी और फिर मारुताल बायपास पर भेजी गई। तकरीबन दस हजार लोगों के लिए इतने हांथो से हुए इंतज़ाम तारीफ के काबिल हैं।
ये सब आपको बताने के पीछे वजह सिर्फ इतनी है कि आपको एहसास हो कि संकट कितना बड़ा है और ये भी पता हो कि हमारे शहर की समृद्ध परंपरा अभी जिंदा है। कुछ कुंठाग्रस्त लोगों की कुंठित मानसिकता का शिकार ना हों। हमारा दायित्व है कि हम मजबूरो की मदद करें और हमारे जैसे लोगों का फर्ज है कि जो भी मदद के हाँथ बढ़ाये हम उनके प्रति कृतज्ञता के भाव रखे उन्हें धन्यवाद दें और जो मेरा मूल काम है कि ऐसी जानकारी आप तक भेजें वो सेवा के कार्यों के बीच भी आप तक पहुंचाए। और वही कर रहा हूँ।
मेरी तरह दर्जनों वालेंटियर्स लगातर सेवा कार्य मे लगे हैं। में आग्रह करुगा की डॉक्टर्स पुलिस सफाई कर्मचारियों मीडिया के साथ उन वालेंटियर्स के लिए भी प्रार्थना करें जो संक्रमण काल मे मदद ले लिए आगे आ रहे हैं।
आप अपने अपने इष्ट से उन दानवीरों के लिए भी प्रार्थना करें जो खुलेमन से मदद के हाँथ आगे बढ़ा रहे है ।
एक बार पुनः सभी दानवीरों के प्रति आभार। और धन्यवाद मेरे सभी सहयोगी मित्रो का जो फोटो नाम से दूर लगातार मानव सेवा में जुटे है जिनका ऋण में कभी अदा नही कर सकता।
सादर
आपका
महेंद्र दुबे