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Culture

दिल्ली साहित्य महोत्सव 2025 का शुभारंभ; “साहित्य कुछ लोगों का विशेषाधिकार नहीं, बल्कि सबका अधिकार है” – विधानसभा अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता 

दिल्ली साहित्य महोत्सव 2025 का शुभारंभ

नई दिल्ली, 2 मई 2025: दिल्ली साहित्य महोत्सव (DLF) के 13वें संस्करण की भव्य शुरुआत आज बिकानेर हाउस में हुई। यह तीन दिवसीय आयोजन 4 मई 2025 तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश के नामचीन लेखक, राजनेता, सांस्कृतिक हस्तियाँ और साहित्य प्रेमी शामिल हो रहे हैं। इस वर्ष का विषय है – “Delhi Writes: Voices, Visions and Verses”।

इस महोत्सव का उद्घाटन दिल्ली विधानसभा के माननीय अध्यक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता ने किया।

नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) के अध्यक्ष श्री केशव चंद्र भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि NDMC कला, संस्कृति और साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में दिल्ली साहित्य महोत्सव के साथ साझेदारी को और मजबूत करना चाहता है।

Delhi Literature Festival 2025 Showcases the Capital as India’s Cultural and Literary Powerhouse Delhi Literature Festival 2025 Showcases the Capital as India’s Cultural and Literary Powerhouse

इस अवसर पर यूनेस्को साउथ इंडिया के निदेशक और प्रतिनिधि श्री टिम कर्टिस ने भी विशेष संबोधन दिया।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री विजेन्द्र गुप्ता ने कहा,

“साहित्य कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि सभी का अधिकार है। यह केवल पढ़े-लिखे लोगों के लिए नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के लिए है। साहित्य समाज का दर्पण होता है और ऐसे महोत्सव सुनिश्चित करते हैं कि हर वर्ग की आवाज़ सुनी जाए और उसका सम्मान हो। दिल्ली, जो विचारों, कला और अभिव्यक्ति की प्राचीन धरोहर रही है, आज भी भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में खड़ी है। ऐसे आयोजन इसी परंपरा को जीवंत रखते हैं।”

महोत्सव की शुरुआत एक विचारोत्तेजक पैनल चर्चा से हुई –

“दिल्ली: कला, संस्कृति और विरासत का केंद्र – सोशल मीडिया की भूमिका”।

इस चर्चा में भाग लेने वालों में थे:

  • सुखनीत वधवा (फैशन इंफ्लुएंसर)
  • स्नेहा चक्रवर्ती (म्यूरल आर्टिस्ट और समाज सुधारक)
  • अनुराधा कुमार जैन (लेखिका)
  • डॉ. स्वप्ना लिडल (इतिहासकार और लेखिका)चर्चा का संचालन अरुण थापर (प्रेसिडेंट, A+E नेटवर्क्स, नेटवर्क18) ने किया।

उद्घाटन सत्र में दिल्ली लिटरेचर फेस्टिवल अवॉर्ड्स 2025 भी प्रदान किए गए, जिनमें विभिन्न विधाओं में साहित्यकारों को सम्मानित किया गया:

  • उपन्यास (Fiction): Swallowing the Sun – लक्ष्मी मुर्देश्वर पुरी
  • ग़ैर-काल्पनिक साहित्य (Non-Fiction): India on the Move – मार्या शकील और नरेंद्र नाथ
  • जीवनी (Biography): Ebrahim Alkazi: Holding Time Captive – अमल अल्लाना
  • आत्मकथा (Autobiography): Just A Mercenary – डी. सुब्बाराव
  • कविता: Caged – गुलज़ार
  • लघु कथाएँ: Whistles of the Siphoong – रश्मि नार्ज़री
  • बाल साहित्य: The Hoopoe on the Lawn – रस्किन बॉन्ड
  • विशेष सम्मान: श्री कमलकांत त्रिपाठी को साहित्य और कला में दीर्घकालिक योगदान हेतु सम्मानित किया गया।

पहले दिन की प्रमुख प्रस्तुतियों में शामिल रहे:

  • Swallowing the Sun पर लेखिका लक्ष्मी पुरी और पत्रकार राहुल शिवशंकर के बीच संवाद
  • Mahabharat 2025: The Secrets of Shunya – लेखक दिव्यांश मुंद्रा द्वारा प्रस्तुति
  • Indian Renaissance: The Modi Decade विषय पर डॉ. ऐश्वर्या पंडित के साथ चर्चा

आगामी दो दिनों में भी महोत्सव में पुस्तक पाठ, काव्य पाठ, पैनल चर्चा, वर्कशॉप, थिएटर और संवाद सत्रों का आयोजन होगा, जिनमें देशभर के स्थापित और उभरते हुए लेखक भाग लेंगे।

दिल्ली साहित्य महोत्सव एक ऐसा मंच है जो लेखकों, विचारकों, कलाकारों, राजनयिकों और जनप्रतिनिधियों को एक साथ लाकर विचार, कल्पना और कहानी के उत्सव को जीवंत करता है। 2013 से आरंभ हुआ यह महोत्सव दिल्ली की विविधतापूर्ण और समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का उत्सव बन चुका है।

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