newsmantra.in l Latest news on Politics, World, Bollywood, Sports, Delhi, Jammu & Kashmir, Trending news | News Mantra
Government- press- releaseGovt. MantraPolitical

बिहार की जमीन, नया विजन! नीतीश सरकार और मंत्री संजय सरावगी का क्रांतिकारी कदम

बिहार की जमीन, नया विजन! नीतीश सरकार और मंत्री संजय सरावगी का क्रांतिकारी कदम

लेखक: रमाकांत चौधरी

“जमीन वह नींव है जिस पर समृद्धि और शांति का भवन खड़ा होता है।” – स्वामी विवेकानंद। इस प्रेरक कथन को साकार करते हुए, बिहार, जहाँ खेती और जमीन अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, अब एक नए युग की ओर बढ़ रहा है। राज्य की 77% कार्यशक्ति कृषि पर निर्भर है और यह सकल घरेलू उत्पाद में 24.84% का योगदान देती है। लेकिन पुराने और अव्यवस्थित भूमि रिकॉर्ड्स, लंबित विवाद और भ्रष्टाचार ने विकास की राह में बाधाएँ खड़ी की हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी के दमदार प्रयासों से बिहार सरकार ने भूमि सुधारों में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। ये कदम न केवल भूमि विवादों को खत्म करने की दिशा में हैं, बल्कि स्वामी विवेकानंद के विचारों को चरितार्थ करते हुए एक आधुनिक और पारदर्शी भूमि प्रशासन की नींव रख रहे हैं, जो समृद्धि और शांति का आधार बनेगी।

बिहार में भूमि विवाद कानून-व्यवस्था के लिए एक गंभीर समस्या बने हुए हैं। 2023 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आँकड़ों के अनुसार, राज्य में 60% हत्याएँ जमीन से जुड़े विवादों के कारण होती हैं। पुराने रिकॉर्ड्स, कइथी लिपि में लिखे दस्तावेज़, और बिना औपचारिक कागजात के पीढ़ीगत हस्तांतरण ने इस समस्या को और जटिल बनाया है। कई परिवारों के पास अपनी जमीन के वैध दस्तावेज़ नहीं हैं, जिससे विवाद और हिंसा बढ़ती है। इसके अलावा, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और भ्रष्टाचार ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है।

बिहार की जमीन, नया विजन! नीतीश सरकार और मंत्री संजय सरावगी का क्रांतिकारी कदमनीतीश सरकार ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए 2019 में विशेष भूमि सर्वे शुरू किया, जो ब्रिटिश काल (1908-1915) के बाद पहला व्यापक सर्वे है। इस सर्वे का लक्ष्य 45,000 गाँवों के भूमि रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज़ करना और विवादों को खत्म करना है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने इस सर्वे को पारदर्शी और जन-हितैषी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि लंबित भूमि विवादों का त्वरित और भ्रष्टाचार-मुक्त निपटारा किया जाए। अब तक, विभाग ने 31,60,947 सरकारी खेसरा, यानी 17,86,276 एकड़ जमीन की पहचान की है। जनता की सुविधा के लिए सर्वे की समयसीमा को जुलाई 2026 से बढ़ाकर दिसंबर 2026 तक कर दिया गया है।

शासन को जनता के करीब लाना

बिहार की जमीन, नया विजन! नीतीश सरकार और मंत्री संजय सरावगी का क्रांतिकारी कदमसंजय सरावगी के नेतृत्व में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने डिजिटल शिकायत निवारण प्रणाली की शुरुआत की है, जिसे उन्होंने “जवाबदेह शासन की दिशा में एक बड़ा कदम” बताया। पहले, विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में, लोगों को तहसील कार्यालयों के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते थे और लंबी देरी का सामना करना पड़ता था। अब, ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने, उसकी स्थिति की रीयल-टाइम निगरानी और त्वरित समाधान की सुविधा ने प्रशासन को जनता के करीब ला दिया है। इस प्रणाली ने भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

विभाग ने म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) प्रक्रिया को भी सुगम बनाया है। सामान्य आवेदनों के लिए 35 दिन और विवादित मामलों के लिए 75 दिन की समयसीमा तय की गई है। म्यूटेशन रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज़ करने और ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ने से निगरानी और ऑडिटिंग आसान हो गई है। यह पहल न केवल समय की बचत करती है, बल्कि विवादों को कम करने में भी कारगर साबित हो रही है। संजय सरावगी ने जोर देकर कहा कि यह प्रणाली बिहार के आम लोगों, खासकर गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए वरदान है।

विशेष भूमि सर्वे के तहत अब तक 17.8 लाख एकड़ सरकारी जमीन की पहचान की गई है, जो पिछले 70 सालों में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हुआ है। यह सर्वे न केवल सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को रोकने में मदद करेगा, बल्कि भूमि के सही उपयोग को भी सुनिश्चित करेगा। अब ज़मींदारों को सभी ऐतिहासिक दस्तावेज़ जमा करने की जरूरत नहीं है। स्व-प्रमाणित वंशावली चार्ट या डाउनलोड करने योग्य सरकारी रिकॉर्ड्स के आधार पर घोषणा पत्र ही पर्याप्त है। यह सुधार विशेष रूप से बुजुर्गों, महिलाओं और उन लोगों के लिए लाभकारी है, जिनके पास औपचारिक कागजात नहीं हैं।

जागरूकता की नई पहल

हाल ही में “बिहार की भूमि विधियां” पुस्तक का विमोचन हुआ, जो भूमि से संबंधित नियमों और संशोधित अधिनियमों की जानकारी देती है। यह पुस्तक आम लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। संजय सरावगी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक भूमि सुधारों को और प्रभावी बनाने में मदद करेगी। यह पुस्तक ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों को भूमि कानूनों की समझ बढ़ाने में सहायक होगी, जिससे विवादों में कमी आएगी।

बिहार सरकार ने भूमि सुधारों के साथ-साथ प्राकृतिक और टिकाऊ खेती को भी बढ़ावा देने का बीड़ा उठाया है। 2023-24 में, राज्य ने 2.5 लाख हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएँ शुरू कीं। यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देता है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि टिकाऊ खेती और डिजिटल भूमि रिकॉर्ड्स का संयोजन बिहार को कृषि क्षेत्र में अग्रणी बना सकता है।

बिहार में भूमि सुधार न केवल आर्थिक विकास को गति देंगे, बल्कि सामाजिक समानता और कानून-व्यवस्था को भी मजबूत करेंगे। नीतीश कुमार और संजय सरावगी की जोड़ी ने इस दिशा में कई साहसिक कदम उठाए हैं। डिजिटल प्रणालियों, समयबद्ध समाधान और पारदर्शी प्रशासन के जरिए बिहार एक नया इतिहास रच रहा है। लेकिन चुनौतियाँ अभी भी बाकी हैं। पुराने रिकॉर्ड्स की जटिलता, कुछ जिलों में धीमी प्रगति और स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक अड़चनों को दूर करने के लिए और मेहनत की जरूरत है।

अगर यह सर्वे और सुधार सफल होते हैं, तो बिहार न केवल अपने भूमि विवादों को खत्म करेगा, बल्कि कृषि और आर्थिक विकास में भी नई ऊँचाइयों को छूएगा। यह नीतीश सरकार का एक ऐसा प्रयास है जो बिहार को सही मायनों में “सुशासन” की राह पर ले जा रहा है। यह सुधार न केवल बिहार के किसानों और आम लोगों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकते हैं। बिहार का यह नया विजन, स्वामी विवेकानंद के कथन को साकार करते हुए, समृद्धि और शांति की नींव को और मजबूत करेगा।

लेखक के बारे में:

Ramakant Chaudharyरमाकांत चौधरी एक वरिष्ठ पत्रकार और पीआरपी ग्रुप में कम्युनिकेशन्स स्ट्रैटेजिस्ट हैं। उन्होंने फाइनेंशियल एक्सप्रेस, मिंट (हिंदुस्तान टाइम्स ग्रुप), द टाइम्स ऑफ इंडिया, जगरण पोस्ट (दैनिक जागरण ग्रुप), द पायनियर और द पॉलिटिकल एंड बिजनेस डेली जैसे प्रमुख मीडिया संगठनों में संपादकीय भूमिकाएं निभाई हैं। वह राजनीति, सरकारी नीति, अर्थव्यवस्था, वैश्विक मामलों, इंफ्रा, सोलर एनर्जी, सस्टेनेबिलिटी, शिक्षा, सामाजिक मुद्दों, जीवनशैली और स्वास्थ्य जैसे विषयों पर स्टोरी बिहाइंड स्टोरी लिखते हैं।

 

Related posts

कांग्रेस ने माना दिग्विजय ने ही बिगाड़ा खेल

Newsmantra

Union Minister for Power RK Singh inaugurates National Conference on “Energy Transition in India in Gandhinagar

Newsmantra

Jal Jeevan Mission Achieves Milestone Of 12 Crore Tap Water Connections

Newsmantra

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More