कांग्रेस हाईकमान ने साफ निर्देश दिया है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी को हर हाल में बचाना जरूरी है यानि एक भी विधायक टूट कर नहीं जाये .साथ ही ये भी कहा है कि कांग्रेस सिर्फ सरकार बनाने के लिए ही शिवसेना और एनसीपी के साथ है इससे आगे नहीं .
पार्टी ने ये भी निर्देश दिया है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष के लिए गुप्त मतदान में बीजेपी जीत जाती है तो कांग्रेस फिर वाकआऊट कर जायेगी ताकि विश्वासमत के दौरान विधायकों के फूटने और फिर उनको पार्टी से निकालने की नौबत नहीं आये .
सोनिया गांधी ने सीधे अहमद पटेल को ही पूरा घटनाक्रम देखने कहा है और अहमद पटेल ने रविवार देर रात एनसीपी चीफ शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उदधव ठाकरे को जमकर हडकाया और कहा कि आप लोग एक हफ्ते से अजीत पवार के साथ बात कर रहे थे तो तब आपको क्या पता नहीं था . अहमद पटेल ने ये भी कह दिया है कि कांग्रेस किसी भी तरह इस्तेमाल नहीं होगी और पूरे घटनाक्रम से सोनिया गांधी जमकर नाराज है.
कांग्रेस ने अपने दोनों नये सहयोगियों को बता दिया है कि कांग्रेस का हाथ केवल सरकार बनाने तक ही उनके साथ है . अभी से आगे चुनाव लडने और सामूहिक लीडरशिप जैसी कोई बात नही है . कांग्रेस ने ये भी बता दिया है कि शऱद पवार के व्यवहार को लेकर भी कांग्रेस में आशंका है . कांग्रेस को लगता है कि कहीं पवार एक साथ कई निशाने तो नहीं लगा रहे हैं. पवार को साफ कहा गया है कि जब सरकार बनाने की तैयारी चल रही थी तो वो अकेले ही पीएम मोदी से मिलने क्यों चले गये .
दरअसल कांग्रेस को लगता है कि कहीं वो इस खेल में हमेशा के लिए महाराष्ट्र में एक्सपोज ना हो जाये . पार्टी अगर टूटी तो फिर संभालना मुश्किल होगा . इतना ही कांग्रेस के बडे नेताओं को मानना है कि अगर एनसीपी और शिवसेना कमजोर हो तो बेहतर है क्योंकि तब कांग्रेस को स्पेस मिलेगा. कांग्रेस आलाकमान ने दो बडे नेताओं पृथवीराज चव्हाण और अशोक चव्हाण को भी किसी तरह की कोई मुलाकात अब एनसीपी और शिवसेना से करने से मना कर दिया है . बस विधायकों को संभालने कहा है .ये भी कहा है कि अब कोई भी बातचीत बस अहमद पटेल ही करेंगे . पर्दे के पीछे से नजर रखने की जिम्मेदारी राजस्थान के महासचिव अविनाश पांडे को दी गयी है.