मुंबई में कांग्रेस अपनी आपसी लड़ाई में उलझ गयी है. पार्टी में हर सीट पर खींचतान हो रही है. पार्टी को मुंबई की 36 में से 14 सीट मिलने वाली है .इनमे से छह लोकसभा क्षेत्र में कम से कम दो मिलेगी इसके अलावा दो अतिरिक्त सीट के लिए जोर आजमाइश जारी है . सबसे ज्यादा लड़ाई वर्सोवा सीट के लिए है जहां पर अब तक कुल 38 उम्मीदवारो ने आवेदन किया है . हर उम्मीदवार को दस हजार रुपये जमा करना है.
पार्टी के सचिव वेंकटेश ने रविवार को सभी उम्मीदवारों को बुलाया था लेकिन सबसे प्रबल दावेदार लेकिन बाहरी कहे जा रहे पूर्व मंत्री सुरेश शेटटी इस बैठक के बजाय अपने आका मुकुल वासनिक को खुश करने और उनका जन्मदिन मनाने दिल्ली गये थे . जब सवाल उठा तो वेंकटेश ने साफ कहा कि शेटटी का नाम दिल्ली से आ सकता है इसलिए उनको भी गिना जाये . इस पर लोकल के सारे कांग्रेसी भड़क गये और सबने खुलकर कहा कि अगर कोई बाहरी उम्मीदवार आया तो उसका विरोध किया जायेगा .इसके बाद पार्टी सकते में है और अब फिर से दूसरे सचिव को भेजा जा रहा है .
असल में वर्सोवा सीट इस बार सबसे हाट मानी जा रही है क्योंकि लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बड़ी लीड मिली जिससे माना जा रहा है जो भी उम्मीदवार होगा उसकी जीत आसान होगी. अब तक ये सीट कांग्रेस की रही है और बलदेव खोसा चुनाव जीतते रहे हैं लेकिन पिछली दो बार से भारती लव्हेकर बीजेपी के चिन्ह पर चुनाव जीत गयी . इसलिए कांग्रेस इस सीट पर दावा कर रही है .
इस सीट में मुस्लिम , दलित और उत्तरभारतीय वोट है इसलिए कांग्रेस को लगता है कि वो जीत सकती है . सबसे पहली दावेदारी पूर्व मंत्री असलम शेख ने की थी लेकिन उनको अपनी सीट मालवणी से ही लड़ने कह दिया गया तो उन्होने अपने रिश्तेदार मोहसिन हैदर का नाम सामने कर दिया . मुश्किल ये है कि मुंबई में पहले से कांग्रेस के तीन मुस्लिम विधायक है अमीन पटेल मुंबा देवी . असलम शेख मालवणी और जीशान सिददीकी बांद्रा ईस्ट . जीशान अब पार्टी छोड चुके है लेकिन पूर्व मंत्री नसीम खान चांदिवली से टिकट पा चुके है. इसलिए कांग्रेस अब और मुस्लिम उम्मीदवार नहीं दे सकती .
इस बीच वर्सोवा के लिए पूर्व मंत्री सुरेश शेटटी सबसे प्रबल दावेदार बन गये है. उनको कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक सपोर्ट कर रहे हैं. शेटटी 2014 में अंधेरी ईस्ट से हार गये थे और 2019 का चुनाव नहीं लड़े और अब उनकी सीट शिवसेना ठाकरे गुट के पास चली गयी है इसलिए वो नयी सीट तलाश रहे हैं. लेकिन वर्सोवा में उनका जमकर विरोध हो रहा है .उनके मुकाबले में विरोधी गुट ने पूर्व डीजीपी संजय पांडे का नाम आगे किया है मगर वो भी बाहरी है और एक महीने पहले ही पार्टी में आये है. ऐसे में अब वर्सोवा में बाहरी बनाम निवासी की लड़ाई चल रही है .
प्रमुख दावेदारों में कांग्रेस महासचिव भावना शर्मा , उत्तर भारतीय नेता अवनीश सिंह , मुस्लिम नेता मुल्तान चंगेजी, यादव नेता अखिलेश यादव और पूर्व विधायक बलदेव खोसा सबने बाहरी का विरोध कर दिया है .
इसकी काट में एक नई चाल भी अब चल दी गयी है . कांग्रेस के कुछ नेताओं ने शिवसेना ठाकरे से लोकसभा उम्मीदवार रहे अमोल कीर्तिकर से मुलाकात कर इस सीट पर दावेदारी करने कहा है . कीर्तिकर ने यहां से शिंदे गुट से चुने गये रवींद्र वायकर के चुनाव को कोर्ट में चुनौती दी है . वायकर केवल 48 वोट से ये सीट जीत पाये थे . ऐसे में कीर्तिकर का नाम बढ़ाकर कुछ कांग्रेसी नेता ये सीट ही छोड़ देना चाहते है लेकिन शिवसेना का पता है कि बिना कांग्रेस के लोकल सपोर्ट के ये सीट नहीं जीत पायेंगे .