newsmantra.in l Latest news on Politics, World, Bollywood, Sports, Delhi, Jammu & Kashmir, Trending news | News Mantra
Business

उद्योग जगत के लिए धीमा जहर की तरह काम कर रहा है वायु प्रदूषण : दीपक मैनी

उद्योग जगत के लिए धीमा जहर की तरह काम कर रहा है वायु प्रदूषण : दीपक मैनी

– औद्योगिक क्षेत्रों में रोजाना औसतन तीन से चार घंटे की हो रही है बिजली की कटौती

– ग्रेप के कारण बिजली कटने के बाद डीजल जेनरेटर का संचालन है प्रतिबंधित, औद्योगिक इकाइयां हो जाती हैं ठप

गुरुग्राम: प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) के चेयरमैन दीपक मैनी ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पिछले पांच साल से सर्दी की शुरुआत के साथ ही वायु प्रदूषण की समस्या गहरा जाती है। यह उद्योग जगत के लिए धीमा जहर का काम कर रहा है। लगातार यह देखने में आ रहा है कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं हो रहा है। जब वायु प्रदूषण की समस्या शुरू हो जाती है तो इसे नियंत्रित करने के लिए आनन-फानन में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के अंतर्गत प्रतिबंध लगा दिए जाते हैं। दीपक मैनी ने कहा कि वह कई साल से विभिन्न मंचों के माध्यम से वायु प्रदूषण नियंत्रण और उसके उचित कारणों के निदान की मांग को लेकर आवाज उठाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएफटीआई द्वारा गुरुग्राम में स्मॉग टावर लगाने, शहर की सभी सड़कों के फुटपाथों को पक्का कराने, वातावरण में उड़ती धूल को नियंत्रित करने, उचित कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था, शहर में नियमित साफ-सफाई और मशीनों से सड़कों को साफ कराने, कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियमित पानी का छिड़काव और शहर की सड़कों पर दौड़ रहे 30 हजार से अधिक डीजल ऑटो को ऑफ रोड करने की भी मांग वह उठाते रहे हैं।

औद्योगिक क्षेत्रों की बात की जाए तो यहां प्रतिदिन औसतन तीन से चार घंटे की बिजली की कटौती हो रही है। इससे औद्योगिक कामकाज पर कुप्रभाव पड़ रहा है। औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हो रहा है। ग्रेप के कारण डीजल जेनरेटर का संचालन औद्योगिक इकाइयों में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। सभी के पास सीएनजी या पीएनजी जेनरेटर नहीं है। ऐसे में बिजली कटते ही काम ठप हो जाता है। मेंटिनेंस के नाम पर तो कभी पावर लाइन में फॉल्ट के नाम पर बिजली कट रही है। श्रमिकों को खाली बैठना पड़ता है। उद्यमियों को आर्थिक नुकसान तो होता ही है साथ में ऑर्डर को समय से पूरा करना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। निर्यातक इकाइयों के लिए यह समय काफी कठिन हो जाता है। समय से आर्डर पूरा नहीं हुआ तो उसकी साख वैश्विक बाजार में खराब होती हैं। ग्रेप का नकारात्मक असर औद्योगिक माल ढुलाई पर भी पड़ता है। कंस्ट्रक्शन के काम पर ग्रेस के दौरान कई प्रकार के प्रतिबंध लगते हैं ऐसे में इससे संबंधित प्रोडक्ट्स का उत्पादन करने वाली औद्योगिक इकाइयों के काम भी बाधित हो जाते हैं।

पीएफटीआई चेयरमैन दीपक मैनी ने कहा कि दिल्ली.एनसीआर का वायु प्रदूषण देश के सबसे गंभीर पर्यावरणीय मुद्दों में से एक है। यह प्रदूषण न केवल लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि उद्योग जगत के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनता जा रहाा है। गुरुग्राम में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों का धुआं निर्माण कार्यों से निकलने वाला धूल-मिट्टी खुले में कूड़े का जलाया जाना है। यहां ऐसी औद्योगिक इकाइयां नहीं हैं जो वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। यह प्रदूषण उद्योग जगत को कई तरह से नुकसान पहुंचा रहा है। इससे श्रमिकों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। जब से हवा प्रदूषित हुई है उनमें सांस की समस्याएं आंखों में जलना और त्वचा की समस्याएं हो रही हैं। इससे श्रमिकों की उत्पादकता और कार्यक्षमता पर भी असर पड़ रहा है। इससे उद्योगों को उत्पादन में गिरावट और लागत में वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है। यह प्रदूषण उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित कर रहा है। प्रदूषण के कारण उद्योगों को दूसरे देशों के उद्योगों की तुलना में अधिक लागत उठानी पड़ रही है। इससे उद्योगों को बाजार में खोने का खतरा बढ़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण सकल घरेलू उत्पाद को तीन प्रतिशत तक की हानि हो सकती है।

Related posts

Newsdrum turns two, reveals expansion plans on the back of technology and AI

Newsmantra

Stock sell-off rolls to Asia

Newsmantra

Fathers in South India believes in Equal Parenting the most

Newsmantra