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गांधी के चंपारण में कांग्रेस को जगाना होगा ..

गांधी के चंपारण में कांग्रेस को जगाना होगा ..

जहां पर महात्मा गांधी ने चंपारण के नील आंदोलन के जरिये अपनी सबसे बडी पहचान बनायी उसी चंपारण के इलाके में आज कांग्रेस की जमीन खो गयी है. बिहार चुनाव में कांग्रेस की सबसे बडी चुनौती यही है कि उसे चंपारण में अपनी जमीन तलाशनी होगी अगर वो ये कर पायी तो शायद देश में गांधी की विरासत के साथ वापसी कर सकती है. सबसे बडी बात ये है कि खुद राहुल गांधी ने पिछली बार चंपारण से चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी लेकिन वहां पार्टी का खाता नहीं खुल पाने से उनको जमकर निराशा हुयी .

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने आरजेडी और जेडीयू के साथ मिलकर चुनाव लडा था और समझौता कर केवल 41 सीट पर ही अपने उम्मीदवार दिये थे जिसमें से 27 जीतने में कामयाब रहे लेकिन चंपारण में कांग्रेस की सबसे बडी दुर्गति हुयी और पूर्वी चंपारण में तो कांग्रेसी उम्मीदवार को पूरी तरह नकार दिया गया . पूर्वी चंपारण में  छह विधानसभा सीटें हरसिद्धि, गोविंदगंज,केसरिया, कल्याणपुर, पिपरा, मोतिहारी शामिल हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में इन 6 सीटों में से 3 भाजपा ने, 2 राजद ने और 1 सीट एलजेपी ने जीती थी.

कांग्रेस को समझौते के तहत केवल एक सीट  मिली थी गोविंदगंज जहां पर कांग्रेस ने वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार के चचेरे भाई ब्रजेश पांडे को टिकट दी लेकिन उनको पूर्वी चंपारण की छह विधानसभा में सबसे कम वोट मिले .ब्रजेश पांडे पर अपराध और यौन शोषण के आरोप भी लगे . गांधी को मानने वाली कांग्रेस यदि साफ सुथऱी  छवी वाले किसी उम्मीदवार को टिकट देती तो शायद कुछ बात बन सकती थी . अब फिर से चुनाव है ऐसे में कांग्रेस ने इस बार राजद के साथ समझौता कर रही है और इस बार उसे करीब 80 सीटें मिलने की संभावना है अगर कांग्रेस 40 से 50 सीट तक जीत लेती है तो अगली सरकार में किंग मेकर बन सकती है . पिछले चुनाव में कांग्रेस को केवल तीन सीटों पर ही 50 हजार से कम मत मिले .अगर कांग्रेस यहां सही उम्मीदवार और मेहनत कर लेती तो उसकी इन सीटों पर भी हालत सुधर सकती है.

पश्चिमी चंपारण जहां नरकटियागंज में कांग्रेस के विनय तिवारी पार्टी को सीट दिलाने में कामयाब रहे . पूरे चंपारण में  कांग्रेस में सबसे कम वोट पाने वाले में ब्रजेश पांडे 46765 वोट मिले . अगर हम पूरे बिहार में 50 हजार से कम वोट पाने वाले कांग्रेसी उम्मीदवारों को देखें तो चार  ही ऐसे उम्मीदवार रहे . पहले बाल्मीकिनगर से इरशाद हुसैन 33280 .दूसरे  गया शहर प्रिय रंजन 44102 रहे और तीसरे पर हरलाखी के मोहममद शबबीर 36576 और चौथे नंबर पर बांकींपुर के कुमार आशीष 46992 और पांचवे है ब्रजेश पांडे .  इस तरह हम देखें तो कांग्रेस में सबसे कमजोर कडी यही रहे .

इस बीच कांग्रेस की चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अविनाश पांडे ने बिहार कांग्रेस के नेताओं के साथ ये साफ कर दिया है कि अपराधी किस्म के लोगों को कांग्रेस टिकट नहीं देगी और साथ ही युवा और नये जिताऊ उम्मीदवारों को मौका दिया जायेगा . कांग्रेस ने ये भी तय किया है कि पचास हजार के कम मत पाने वालो को टिकट नहीं दिया जायेगा . राहुल गांधी का ये भी कहना है कि कानून व्यवस्था .महिलाओं के प्रति अपराध  और रोजगार पर कांग्रेस सबसे ज्यादा जोर देगी .

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