सत्ता नीतिश की लेकिन जीत तेजस्वी की ,केवल 0.3 प्रतिशत वोट कम मिला
बिहार के चुनाव नतीजों से इतना तो साफ हो ही गया है कि भले ही बीजेपी की बैसाखी पकडकर नितिश कुमार को चौथी बार सत्ता मिल गयी है लेकिन असली विजय तो तेजस्वी यादव की ही हुयी जो अपने पिता के साये से निकलकर अपना मुकाम पाने में कामयाब रहे .
बिहार चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करें तो साफ हो रहा है कि बिहार में जहां एनडीए को 37.3 प्रतिशत वोट मिला तो तेजस्वी को 37 .2 प्रतिशत वोट साफ दिखा रहा है कि अगर कांग्रेस को 70 सीट देने की भूल न की होती और अगर एक दो छोटी पार्टियों को मिला लिया होता तो सत्ता राजद की ही होती .अब तेजस्वी बिहार के सबसे बडे नेता और राजद सबसे बडी पार्टी हो गयी है . जाहिर है नीतिश कुमार भले ही सीएम बन जाये लेकिन उनको विपक्ष के तौर पर कडी टक्कर मिलती रहेगी . जहां तक कुल वोटो की बात है तो केवल 12768 वोट से तेजस्वी पीछे रह गये . एनडीए को कुल 15701226 वोट मिले वहीं तेजस्वी को 15688458 वोट मिले .
11 सीटों पर फर्क 1,000 से भी कम रहा- जैसे नालंदा जिले की हिलसा सीट, जहां जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार कृष्णमुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया ने आरजेडी के अत्रि मुनि उर्फ शक्ति सिंह यादव को मात्र 12 वोटों से हराया.
11 सीटों में से पांच ऐसी सीटें भी शामिल थीं, जहां जीत का अंतर 951 मतों से कम रहा. इन पांच सीटों में जेडीयू ने सबसे ज्यादा तीन जीतीं और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और लोक जन शक्ति (एलजेपी) को एक-एक सीट पर कामयाबी मिली. जेडीयू ने हिलसा, बरबीघा और भोरे सीटों को क्रमश: 12, 113 और 462 मतों से जीता.
बरबीघा में जेडीयू उम्मीदवार सुदर्शन कुमार ने कांग्रेस के गजानंद शाही को मात्र 113 मतों से हराया. गोपालगंज जिले के भोरे विधानसभा क्षेत्र में, जेडीयू के सुनील कुमार ने सीपीआई (एमएल) के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान को 462 मतों से हराया.
चकाई सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार सुमित कुमार सिंह ने आरजेडी की सावित्री देवी को 581 मतों से हराया. परबत्ता में, जेडीयू के उम्मीदवार डॉ. संजीव कुमार ने आरजेडी उम्मीदवार दिंगबर प्रसाद तिवारी पर 951 मतों के अंतर से जीत दर्ज की. बछवाड़ा सीट पर बीजेपी के सुरेंद्र मेहता ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) उम्मीदवार अवधेश कुमार राय को 484 वोटों से शिकस्त दी.
आरजी उम्मीदवारों ने डेहरी सीट को 464 मतों और कुढ़नी सीट को 712 मतों से जीता. बखरी सीट पर सीपीआई के सूर्यकांत पासवान ने बीजेपी के रमेश पासवान को 777 मतों से हराया
जाहिर है तेजस्वी के लिए सबसे बेहतरीन मौका है केवल 31 साल की उम्र में इतना बेहतरीन प्रदर्शन दिखाता है कि वही लालू की राजनीती के सही वारिस है .